फिर से एक बार मुझे भुला कर देखिए – विकाश कुमार

मोम को आग लगाकर कर देखिए
मुझे कभी तो खुद के बराबर देखिए

कभी छुप के देखिए मेरे ज़ख्मों को
कभी खुद के ज़ख़्म दिखाकर देखिए

मैंने देखा है मय के पर्दे से जमाने को
होश उड़ जायें ग़र होश में आकर देखिए

बहुत बेबस सा दिखता है ग़ुरूर आइने में मेरा
मेरी माने तो आप भी आइने घुमाकर देखिए

मैंने सुना है की तेज है तेरा आफ़ताब जैसा
मुझे भी अपनी रहमत में जलाकर देखिए

कभी पहले भी की थी कोशिश सुना था मैंने
चलो फिर से एक बार मुझे भुला कर देखिए

विकाश कुमार

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