आ री नींद, लाल को आ जा।
उसको करके प्यार सुला जा।।
तुझे लाल हैं ललक बुलाते।
अपनी आँखों पर बिठलाते।।
तेरे लिए बिछाई पलकें।
बढ़ती ही जाती हैं ललकें।।
क्यों तू है इतनी इठलाती।
आ-आ मैं हूँ तुझे बुलाती।।
गोद नींद की है अति प्यारी।
फूलों से है सजी-सँवारी।।
उसमें बहुत नरम मन भाई।
रूई की है पहल जमाई।।
बिछे बिछौने हैं मखमल के।
बड़े मुलायम सुंदर हलके।।
जो तू चाह लाल उसकी कर।
तो तू सो जा आँख मूँदकर।।
मीठी नींदों प्यारे सोना।
सोने की पुतली मत खोना।।
उसकी करतूतों के ही बल।
ठीक-ठीक चलती है तन कल।।
– अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरीऔध’ जी की अन्य प्रसिध रचनायें
- चंदा मामा
- बंदर और मदारी
- तिनका
- एक बूँद
- जागो प्यारे
- चूँ-चूँ-चूँ-चूँ चूहा बोले
- चमकीले तारे
- आ री नींद (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- मीठी बोली (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- कोयल (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- फूल और काँटा (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- आँख का आँसू (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- कर्मवीर (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- बादल (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- संध्या (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- सरिता (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- जन्मभूमि (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- अनूठी बातें (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- हमारा पतन (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- दमदार दावे (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- विबोधन (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- आँसू और आँखें (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- प्यासी आँखें (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- विवशता (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- फूल (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- मतवाली ममता (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- निर्मम संसार (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- अभेद का भेद (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- प्रार्थना (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- कमनीय कामनाएँ (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- आदर्श (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- गुणगान (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- माता-पिता (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- हमारे वेद (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- पुष्पांजलि (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- उद्बोधन (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- विद्यालय (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- जीवन-मरण (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- परिवर्तन (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- हमें चाहिए (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- हमें नहीं चाहिए (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- क्या होगा (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- एक उकताया (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- कुछ उलटी सीधी बातें (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- दिल के फफोले -1 (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- अपने दुखड़े (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- चाहिए (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- उलटी समझ (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- समझ का फेर (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- सेवा (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- सेवा – 1 (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- सुशिक्षा-सोपान (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- भोर का उठना (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- अविनय (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- कुसुम चयन (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- बन-कुसुम (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- कृतज्ञता (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- एक काठ का टुकड़ा (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- नादान (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- भाषा (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- हिन्दी भाषा (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- उद्बोधन – 1 (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- अभिनव कला (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- उलहना (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- आशालता (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- एक विनय (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- वक्तव्य (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- भगवती भागीरथी (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- पुण्यसलिला (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- गौरव गान (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- आँसू (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- आती है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- घर देखो भालो (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- अपने को न भूलें (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- पूर्वगौरव (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- दमदार दावे (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- क्या से क्या (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- लानतान (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- प्रेम (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- मांगलिक पद्य (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- बांछा (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- जीवन (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- कविकीर्ति (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- निराला रंग (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- चतुर नेता (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- माधुरी (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- बनलता (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- ललितललाम (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- मयंक (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- खद्योत (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- ललना-लाभ (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- जुगनू (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- विषमता (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- घनश्याम (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- विकच वदन (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- मर्म-व्यथा (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- मनोव्यथा – 1 (शीघ्र प्रकाशित होगी)
- स्वागत (शीघ्र प्रकाशित होगी)
17 thoughts on “आ री नींद – अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’”