हिज्र की शब है और उजाला है   – ख़ुमार बाराबंकवी

हिज्र[1] की शब[2] है और उजाला है
क्या तसव्वुर[3] भी लुटने वाला है

ग़म तो है ऐन ज़िन्दगी लेकिन
ग़मगुसारों ने मार डाला है

इश्क़ मज़बूर-ओ-नामुराद सही
फिर भी ज़ालिम का बोल-बाला है

देख कर बर्क़[4] की परेशानी
आशियाँ[5] ख़ुद ही फूँक डाला है

कितने अश्कों को कितनी आहों को
इक तबस्सुम[6] में उसने ढाला है

तेरी बातों को मैंने ऐ वाइज़[7]
एहतरामन हँसी में टाला है

मौत आए तो दिन फिरें शायद
ज़िन्दगी ने तो मार डाला है

शेर नज़्में शगुफ़्तगी मस्ती
ग़म का जो रूप है निराला है

लग़्ज़िशें[8] मुस्कुराई हैं क्या-क्या
होश ने जब मुझे सँभाला है

दम अँधेरे में घुट रहा है “ख़ुमार”
और चारों तरफ उजाला है

– खुमार बाराबंकवी

शब्दार्थ
  1. जुदाई
  2. रात
  3. कल्पना
  4. बिजली
  5. घर , आशियाना
  6. मुस्कुराहट
  7. उपदेशक

खुमार बाराबंकवी की अन्य प्रसिध रचनाएँ

  • एक पल में एक सदी का मज़ा
  • दुनिया के ज़ोर प्यार के दिन
  • ये मिसरा नहीं है
  • कभी शेर-ओ-नगमा बनके
  • वो हमें जिस कदर आज़मा रहे है
  • वो जो आए हयात याद आई
  • तेरे दर से उठकर
  • न हारा है इश्क और न दुनिया थकी है
  • सुना है वो हमें भुलाने लगे है
  • झुंझलाए है लजाए है
  • रुख़्सत-ए-शबाब (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • वो खफा है तो कोई बात नहीं (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • दिल को तस्कीन-ए-यार ले डूबी (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • आँसूगदी से इश्क-ए-जवाँ को बचाइए (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • ऐ मौत उन्हें भुलाए ज़माने गुज़र गये (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • तस्वीर बनाता हूँ तस्वीर नहीं बनती (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • एक पल में एक सदी का मज़ा हमसे पूछिए (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • हाल-ए-गम उन को सुनाते जाइए (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • हुस्न जब मेहरबान हो तो क्या कीजिए (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • हिज्र की शब है और उजाला है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • क्या हुआ हुस्न हमसफ़र है या नहीं (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • मुझ को शिकस्ते दिल का मज़ा याद आ गया (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • गमे-दुनिया बहुत इज़ारशाँ है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • अकेले हैं वो और झुंझला रहे हैं (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • बुझ गया दिल हयात बाकी है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • वो सवा याद आये भुलाने के बाद (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • हम उन्हें वो हमें भुला बैठे (शीघ्र प्रकाशित होगी)

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