दो बूँदें – जयशंकर प्रसाद

शरद का सुंदर नीलाकाश
निशा निखरी, था निर्मल हास
बह रही छाया पथ में स्वच्छ
सुधा सरिता लेती उच्छ्वास
पुलक कर लगी देखने धरा
प्रकृति भी सकी न आँखें मूँद
सु शीतलकारी शशि आया
सुधा की मनो बड़ी सी बूँद!

                         – जयशंकर प्रसाद 

काव्यशाला द्वारा प्रकाशित रचनाएँ 

  • चित्राधार

  • आह ! वेदना मिली विदाई

  • बीती विभावरी जाग री

  • दो बूँदें

  • प्रयाणगीत

  • तुम कनक किरन

  • भारत महिमा

  • अरुण यह मधुमय देश हमारा

  • आत्‍मकथ्‍य

  • सब जीवन बीता जाता है

  • हिमाद्रि तुंग शृंग से

हिंदी ई-बुक्स (Hindi eBooks)static_728x90

Advertisement

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s