गम रहा जब तक कि दम में दम रहा – मीर तकी “मीर”

ग़म रहा जब तक कि दम में दम रहा
दिल के जाने का निहायत ग़म रहा

दिल न पहुँचा गोशा-ए-दामन तलक
क़तरा-ए-ख़ूँ था मिज़्हा[1] पे जम रहा

जामा-ए-अहराम-ए-जाहिद[2] पर न जा
था हरम[3] में लेक ना-महरम[4] रहा

ज़ुल्फ़ खोले तू जो टुक[5] आया नज़र
उम्र भर याँ काम-ए-दिल बरहम[6] रहा

उसके लब से तल्ख़[7] हम सुनते रहे
अपने हक़ में[8] आब-ए-हैवाँ[9] सम[10] रहा

हुस्न था तेरा बहुत आलम फरेब
खत के आने पर भी इक आलम रहा

मेरे रोने की हकीकत जिस में थी
एक मुद्दत तक वो क़ाग़ज़ नम रहा

सुबह पीरी शाम होने आई[11] `मीर’
तू न जीता, याँ बहुत दिन कम रहा

       – मीर तकी “मीर”

शब्दार्थ
  1. भवें
  2. पवित्र चोले
  3. मस्जिद
  4. अपरिचित / अँधेरे में
  5. क्षण भर के लिए
  6. दिल परेशान रहा
  7. चुभने वाली बातें
  8. हमारे लिए
  9. अमृत-कुण्ड
  10. विष
  11. जीवन-संध्या की रात होने को है

मीर तकी “मीर” की अन्य प्रसिध रचनायें

  • आए हैं मीर मुँह को बनाए

  • कहा मैंने

  • बेखुदी ले गयी

  • अपने तड़पने की

  • हस्ती अपनी होबाब की सी है

  • फ़कीराना आए सदा कर चले

  • बेखुदी कहाँ ले गई हमको

  • अश्क आंखों में कब नहीं आता

  • गम रहा जब तक कि दम में दम रहा

  • देख तो दिल कि जाँ से उठता है (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • दिल-ऐ-पुर_खूँ की इक गुलाबी से(शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • था मुस्तेआर हुस्न से उसके जो नूर था (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • इधर से अब्र उठकर जो गया है (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • जीते-जी कूचा-ऐ-दिलदार से जाया न गया (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • जो इस शोर से ‘मीर’ रोता रहेगा (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • इब्तिदा-ऐ-इश्क है रोता है क्या

  • पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • उलटी हो गई सब तदबीरें, कुछ न दवा ने काम किया (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • न सोचा न समझा न सीखा न जाना (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • दिल की बात कही नहीं जाती, चुप के रहना ठाना है (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • दम-ए-सुबह बज़्म-ए-ख़ुश जहाँ शब-ए-ग़म (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • गुल को महबूब में क़यास किया (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • होती है अगर्चे कहने से यारों पराई बात (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • इस अहद में इलाही मोहब्बत को क्या हुआ (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • जो तू ही सनम हम से बेज़ार होगा (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • काबे में जाँबलब थे हम दूरी-ए-बुताँ से (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • मानिंद-ए-शमा मजलिस-ए-शब अश्कबार पाया (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • मिलो इन दिनों हमसे इक रात जानी (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • मुँह तका ही करे है जिस-तिस का (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • शब को वो पीए शराब निकला (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • तुम नहीं फ़ितना-साज़ सच साहब (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • क्या कहूँ तुम से मैं के क्या है इश्क़ (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • आँखों में जी मेरा है इधर यार देखना (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • सहर गह-ए-ईद में दौर-ए-सुबू था (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • जिस सर को ग़रूर आज है याँ ताजवरी का (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • महर की तुझसे तवक़्क़ो थी सितमगर निकला (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • बारहा गोर दिल झुका लाया (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • आ जायें हम नज़र जो कोई दम बहुत है याँ (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • बात क्या आदमी की बन आई (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • कोफ़्त से जान लब पर आई है (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • मेरे संग-ए-मज़ार पर फ़रहाद (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • ब-रंग-ए-बू-ए-गुल, इस बाग़ के हम आश्ना होते (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • मीर दरिया है, सुने शेर ज़बानी उस की (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • यार बिन तल्ख़ ज़िंदगनी थी (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • शिकवा करूँ मैं कब तक उस अपने मेहरबाँ का (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • अब जो इक हसरत-ए-जवानी है (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • शेर के पर्दे में मैं ने ग़म सुनाया है बहुत (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • चलते हो तो चमन को चलिये (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • दुश्मनी हमसे की ज़माने ने (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • यारो मुझे मुआफ़ करो मैं नशे में हूँ (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • दिल से शौक़-ए-रुख़-ए-निको न गया (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • आरज़ूएं हज़ार रखते हैं (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • रही नगुफ़्ता मेरे दिल में दास्ताँ मेरी (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

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  • यही इश्क़ ही जी खपा जानता है (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • नाला जब गर्मकार होता है (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • उम्र भर हम रहे शराबी से (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • मसाइब और थे पर दिल का जाना (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • नहीं विश्वास जी गँवाने के (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • बेकली बेख़ुदी कुछ आज नहीं (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • क़द्र रखती न थी मता-ए-दिल (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • राहे-दूरे-इश्क़ से रोता है क्या (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • मामूर शराबों से कबाबों से है सब देर (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • मरते हैं हम तो आदम-ए-ख़ाकी की शान पर (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • कुछ करो फ़िक्र मुझ दीवाने की (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

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  • आ के सज्जाद (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

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  • ज़ख्म झेले दाग़ भी खाए बोहत (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • न दिमाग है कि किसू से हम (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • हर जी का हयात है (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • चुनिन्दा अश्आर- भाग एक (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • चुनिन्दा अश्आर- भाग दो (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • चुनिन्दा अश्आर- भाग तीन (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • चुनिन्दा अश्आर- भाग चार (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • चुनिन्दा अश्आर- भाग पाँच (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • चाक करना है इसी ग़म से (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • गुल ब बुलबुल बहार में देखा (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

  • अए हम-सफ़र न आब्ले (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

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