कवि परिचय
ज्ञान प्रकाश सिंह जी का जन्म 09 नवम्बर 1944 को सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ। यूनिवर्सिटी ऑफ़ रुड़की से सिविल एंजिनीरिंग में ग्रैजूएशन के उपरांत कुछ समय सी.पी.डब्ल्यू.डी और यू.पी. हाउज़िंग एंड डिवेलप्मेंट बोर्ड में कार्यरत रहे. तदुपरांत उ. प्र. लोक निर्माण विभाग जोईन किया एवं अभियंता अधिकारी के रूप में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कार्यरत रहे तथा वहीं से सेवानिवृत हुए । माई चाइल्ड ऋषिमा छोटी बच्ची ऋषिमा की बाल गतिविधियों से सम्बंधित कहानियों एवं कविताओं के रूप में इनकी पहली पुस्तक है । लम्बे अंतराल के पश्चात् बंद पड़ा लेखन पुनः प्रारम्भ किया है ।
रचना संग्रह
- स्पर्श
- तुषार
काव्यशाला द्वारा प्रकाशित रचनाएँ (पढ़ने के लिए लिंक पर जाएँ)
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सब याद है मुझको अब भी…
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मैं क्या क्या छोड़ आया हूँ
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मन विचरण करता रहता है
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मधुकर ! तब तुम गुंजन करना
- हे सागर वासी घन काले
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गीत
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तुषार कणिका
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जब तुम आये
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मिलन-विरह
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प्रकृति
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तरंगिणी
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ये सड़कें
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एकाकी चिड़िया
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ऐसा क्यों होता है?
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टैन्जेंट
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कच्ची उम्र के पक्के साथी
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नारी शक्ति
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बी.एच.यू. की छात्राओं के प्रति
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स्मॅाग
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कविता का फास्ट फूड
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वासंती मौसम याद रहा
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ज़िन्दगी
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ख़ामोश लम्हे
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आँखें फेर सलाम कर लिया
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ख़ुश रखने की कोशिश मैने बहुत की लेकिन
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जनिया, घूम रही हो कहाँ (कजरी)