इतना तो ज़िन्दगी में – कैफ़ि आज़मी

इतना तो ज़िन्दगी में किसी की ख़लल पड़े
हँसने से हो सुकून ना रोने से कल पड़े

जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी-पी के अश्क-ए-ग़म
यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े

एक तुम के तुम को फ़िक्र-ए-नशेब-ओ-फ़राज़ है
एक हम के चल पड़े तो बहरहाल चल पड़े

मुद्दत के बाद उस ने जो की लुत्फ़ की निगाह
जी ख़ुश तो हो गया मगर आँसू निकल पड़े

साक़ी सभी को है ग़म-ए-तश्नालबी मगर
मय है उसी के नाम पे जिस के उबल पड़े

– कैफ़ि आज़मी

कैफ़ि आज़मी जी की अन्य प्रसिध रचनाएँ

  • झुकी झुकी सी नज़र
  • कोहरे के खेत
  • दोशीज़ा मालन
  • मेरा माज़ी मेरे काँधे पर
  • ताजमहल
  • दूसरा बनबास
  • तलाश
  • तसव्वुर (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • दाएरा (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • नया हुस्न (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • नई सुब्‍ह (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • नए ख़ाके (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • प्यार का जश्न (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • नेहरू (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • अंदेशे (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • अब तुम आग़ोश-ए-तसव्वुर (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • अज़ा में बहते थे आँसू यहाँ (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • आज की रात बहुत गर्म हवा चलती है (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • आज सोचा तो आँसू भर आए (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • आवारा सजदे (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • इब्ने-मरियम (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • गुरुदत्त के लिए नोहा (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • इतना तो ज़िन्दगी में किसी की ख़लल पड़े (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • एक दुआ (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • एक बोसा (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • ऐ सबा! लौट के किस शहर से तू आती है? (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • औरत (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • कभी जमूद कभी सिर्फ़ इंतिशार सा है (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • कर चले हम फ़िदा (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • काफ़िला तो चले (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • कोई ये कैसे बता ये कि वो तन्हा क्यों हैं (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • खार-ओ-खस तो उठें, रास्ता तो चले (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • ज़िन्दगी (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • चरागाँ (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • तुम (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • तुम परेशां न हो (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • दस्तूर क्या ये शहरे-सितमगर के हो गए (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • दायरा (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • दो-पहर (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • दोशीज़ा मालिन (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • नज़राना (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • झुकी झुकी सी नज़र बेक़रार है कि नहीं (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • मकान (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • मशवरे (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • मेरे दिल में तू ही तू है (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • मैं ढूँढता हूँ जिसे वो जहाँ नहीं मिलता (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • मैं यह सोचकर उसके दर से उठा था (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • पत्थर के ख़ुदा वहाँ भी पाए (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • पशेमानी (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • पहला सलाम (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • पत्थर के ख़ुदा वहाँ भी पाये (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • बस इक झिझक है यही (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • लश्कर के ज़ुल्म (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • लाई फिर इक लग़्ज़िशे-मस्ताना तेरे शहर में (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • वक्त ने किया क्या हंसी सितम (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • वतन के लिये (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • वो कभी धूप कभी छाँव लगे (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • वो भी सराहने लगे अरबाबे-फ़न के बाद (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • सदियाँ गुजर गयीं (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • सुना करो मेरी जाँ (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • सोमनाथ (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • शोर यूँ ही न परिंदों ने मचाया होगा (शीघ्र प्रकाशित होंगी)
  • हाथ आकर लगा गया कोई (शीघ्र प्रकाशित होंगी)

हिंदी ई-बुक्स (Hindi eBooks)static_728x90

 

3 thoughts on “इतना तो ज़िन्दगी में – कैफ़ि आज़मी

  1. आप तो लाज़वाब हैं,कैफी जी!! आप जन्नत से भी पधारें हैं मेरी नज़्मों को दुआ देने के लिये।खुशआमदीद।

    Like

Leave a comment