चल मरदाने, सीना ताने, हाथ हिलाते, पाँव बढ़ाते, मन मुसकाते, गाते गीत।
Author: हरिवंशराय बच्चन
हम ऐसे आज़ाद हमारा झंडा है बादल – हरिवंशराय बच्चन
हम ऐसे आज़ाद हमारा झंडा है बादल। चाँदी सोने हीरे मोती से सजती गुड़ियाँ। इनसे आतंकित करने की बीत गई घड़ियाँ इनसे सज धज बैठा करते जो हैं कठपुतले हमने तोड़ अभी फेंकी हैं बेड़ी हथकड़ियाँ
जो बीत गयी सो बात गयी – हरिवंशराय बच्चन
जीवन में एक सितारा था माना वह बेहद प्यारा था वह डूब गया तो डूब गया अम्बर के आनन को देखो
अग्निपथ – हरिवंशराय बच्चन
यह महान दृश्य है, चल रहा मनुष्य है, अश्रु श्वेत रक्त से, लथपथ लथपथ लथपथ, अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
तीर पर कैसे रुकूँ मैं – हरिवंशराय बच्चन
तीर पर कैसे रुकूँ मैं, आज लहरों में निमंत्रण! रात का अंतिम प्रहर है, झिलमिलाते हैं सितारे, वक्ष पर युग बाहु बाँधे, मैं खड़ा सागर किनारे वेग से बहता प्रभंजन, केश-पट मेरे उड़ाता,
मधुशाला – हरिवंशराय बच्चन
मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला, प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊँगा प्याला, पहले भोग लगा लूँ तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा, सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुशाला।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती – हरिवंश राय बच्चन
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है। मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है। आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की … Continue reading कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती – हरिवंश राय बच्चन






