कवि परिचय
राहत इन्दौरी का जन्म इंदौर में 1 जनवरी 1950 में कपड़ा मिल के कर्मचारी रफ्तुल्लाह कुरैशी और मकबूल उन निशा बेगम के यहाँ हुआ। वे उन दोनों की चौथी संतान हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई। उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1975 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया। तत्पश्चात 1985 में मध्य प्रदेश के मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
राहत इंदोरी जी ने शुरुवाती दौर में इंद्रकुमार कॉलेज, इंदौर में उर्दू साहित्य का अध्यापन कार्य शुरू कर दिया। उनके छात्रों के मुताबिक वह कॉलेज में सबसे अच्छे व्याख्याता थे। फिर बीच में वो मुशायरों में बहुत व्यस्त हो गए और पूरे भारत से और विदेशों से निमंत्रण प्राप्त करना शुरू कर दिया। उनकी अनमोल क्षमता, कड़ी लगन और शब्दों की कला की एक विशिष्ट शैली थी ,जिसने बहुत जल्दी व बहुत अच्छी तरह से जनता के बीच अत्यन्त लोकप्रिय बना दिया। राहत साहेब ने बहुत जल्दी ही लोगों के दिलों में अपने लिए एक खास जगह बना लिया और तीन से चार साल के भीतर ही उनकी कविता की खुशबू ने उन्हें उर्दू साहित्य की दुनिया में एक प्रसिद्ध शायर बना दिया था। वह न सिर्फ पढ़ाई में प्रवीण थे बल्कि वो खेलकूद में भी प्रवीण थे,वे स्कूल और कॉलेज स्तर पर फुटबॉल और हॉकी टीम के कप्तान भी थे। वह केवल 19 वर्ष के थे जब उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में अपनी पहली शायरी सुनाई थी।
काव्यशाला द्वारा प्रकाशित रचनाएँ
-
धूप-धूप ( ग़ज़ल संग्रह) (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमनवा भी है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
बुलाती है मगर जाने का नईं (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
वफ़ा को आज़माना चाहिए था (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
सर पर बोझ अँधियारों का है मौला खैर (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
हवा खुद अब के हवा के खिलाफ है, जानी (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
जो मंसबो के पुजारी पहन के आते हैं (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
धूप बहुत है मौसम जल-थल भेजो ना/ राहत इन्दौरी
-
पुराने शहरों के मंज़र निकलने लगते हैं (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
कितनी पी कैसे कटी रात (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
लोग हर मोड़ पे (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
अँधेरे चारों तरफ़ (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
समन्दरों में मुआफिक हवा चलाता है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
उसकी कत्थई आंखों में हैं जंतर मंतर सब (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
सफ़र की हद है वहाँ तक के कुछ निशान रहे (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
पेशानियों पे लिखे मुक़द्दर नहीं मिले (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
शहर में ढूंड रहा हूँ के सहारा दे दे (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
आँख प्यासी है कोई मन्ज़र दे (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
मस्जिदों के सहन तक जाना बहुत दुश्वार था (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
इन्तेज़मात नये सिरे से सम्भाले जायें (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
दोस्ती जब किसी से की जाये (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
चेहरों की धूप आँखों की गहराई ले गया (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
दिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैं (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
दिल जलाया तो अंजाम क्या हुआ मेरा (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
मेरे कारोबार में सबने बड़ी इम्दाद की (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
ये सानेहा तो किसी दिन गुजरने वाला था (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
सारी बस्ती कदमों मे है ये भी इक फनकारी है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
शहरों शहरों गाँव का आँगन याद आया (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
अपने होने का हम इस तरह पता देते थे (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
किसी आहू के लिये दूर तलक मत जाना (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
तू शब्दों का दास रे जोगी (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
तेरी हर बात मोहब्बत मेँ गवारा करके (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
काली रातों को भी रंगीन कहा है मैंने (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
झूठी बुलंदियों का धुँआ पार करके आ (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
धोखा मुझे दिये पे हुआ आफ़ताब का (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
एक दिन देखकर उदास बहुत (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
हरेक चहरे को ज़ख़्मों का आइना न कहो (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
ये ज़िन्दगी सवाल थी जवाब माँगने लगे (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
गुलाब ख़्वाब दवा ज़हर जाम क्या क्या है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
तेरे वादे की तेरे प्यार की मोहताज नहीं (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
किसका नारा, कैसा कौल, अल्लाह बोल (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
मौका है इस बार, रोज़ मना त्यौहार, अल्लाह बादशाह (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
बढ़ गयी है के घट गयी दुनिया (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
कुछ अशआर (शीघ्र प्रकाशित होगी)
फ़िल्मों के लिए गीत
-
यार ज़रा माहौल बना (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
ये क्या हुआ कैसे हुआ (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
हाँ जुदाई से डरता है दिल (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
दिल को हज़ार बार रोका रोका रोका (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
देखो देखो जानम हम दिल अपना तेरे लिए लाये (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
नींद चुराई मेरी किसने ओ सनम (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
हमसफ़र चाहिए उम्र भर चाहिए (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
ढलने लगी है रात कोई बात कीजिये (शीघ्र प्रकाशित होगी)
-
यूँ ही दिल को अगर गुदगुदाते रहो (शीघ्र प्रकाशित होगी)