ठाकुर जी भोले हैं – महादेवी वर्मा

ठंडे पानी से नहलातीं,
ठंडा चंदन इन्हें लगातीं,
इनका भोग हमें दे जातीं,
फिर भी कभी नहीं बोले हैं।
माँ के ठाकुर जी भोले हैं।

महादेवी वर्मा 

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