किसीने कहा हर एक के हुर्फ रंग लाते है,
कुछ अपने भी लिखलो,
हमने भी दिल कि स्याही से कुछ हुर्फ लिख डाले,
जो कि हवाओं मे घुल गये,
अब शिकायत करे भी तो किससे?,
हवाओं से?, हुर्फो से? या दिल से?,
तडपने का मौसम गुजरा तो जवाब आया,
कुछ हुर्फ बहोत खास होते है,
सारी कायनात इन हुर्फो को पढती रहती है,
और इन हुर्फो को एैसा रंग नसीब होता है,
जिसकी चमक देखनेवालों कि आंखे नम कर देती है,
अपने हुर्फो कि सच्चाई पर कायम रहो,
ये जरूर रंग लायेंगे ।
– सज आमिर सोलापुर

सज आमिर सोलापुर पुणे की रहने वाली हैं । वह ऍम.पी.एस.सी की परीक्षा की तैयारी कर रही हैं । उन्हें हिंदी और मराठी भाषा में लिखने का शौक है । उन्होंने १०० से अधिक कविताएं लिखी हैं जो वो काव्यशाला के माध्यम से आप तक पहुँचाना चाहती हैं। हमें आशा है की आपको उनकी कविताएं पसंद आएंगी ।