मेरी कहानी – सोमिल जैन ‘सोमू’

पूछता हूँ ये समां से,पूछता हूँ ये अमां से।
यदि फुर्सत हो तुम्हें तो,पूछता हूँ ये जमां से।
क्या यही मेरी कहानी क्यों सजा आँखों में पानी…

मैं भी था एक सुखी मानुष,थोड़ा चंचल बहुत ख्वाहिश।
मिले सब संयोग मुझको,मगर ये क्या हुआ तुझको।
एक दिन सब टूट बिखरा,अंधकारी सूर्य उखरा।
छोड़ कर चल दिए मुझको ,सम्हालेगा कौन मुझको।
आज हारा हूँ कभी में,जो न होता खेल खेला।
पूछता हूँ हाथ मेरा,छोड़ क्यों छोड़ा अकेला।
ले ली सबने साँस ठण्डी,भूलकर जलती कहानी।
आग है उर में मेरे,क्यों सजा आँखों में पानी।

पर में ये सब भूलता हूँ,अपनी मंजिल ढूड़ता हूँ।
राज खोलूं गर यदि में,जी रहा हूँ सबके बिन में।
आज करुणा मेरे मन में,घ्रणा से क्यों भरे है वे।
हुआ क्यों पाषाण व्यक्ति,क्यों बड़ी मेरी आसक्ति।
क्यों न मन की बात में,अगर मन में रहने देता।
न में उनसे बोलता तो,अकेला हो क्यों में रोता।

क्या में ऐसे जी सकूँगा,आंसुओ को पी सकूँगा।
न रही अब एक आशा,हर कदम पर है निराशा।

पर जीऊंगा फिर उठूँगा,रहूँगा में क्यों उदाशा।
जाने क्यों में खो रहा हूँ,मन ही मन क्यों रो रहा हूँ।

क्या सही है सोचना यह,भुला देगा क्या मुझे वह।
क्या चलूँगा बनके बेबस,यही बस तो बहुत है बस।

रवि बनकर जलूँगा में,एक ज्वाला बनूँगा में।
बुझुगा न जलूँगा में,नेकपथ पर चलूँगा में।
मुश्किलो को छोड़कर,मंजिल तरफ मुंह मोड़कर।
सपने सभी परिवार के,पूरा करूँ जिद छोड़कर।

चाहे जितना कंप हों ले,चाहे कोई प्रलय होले।
उठूँगा तूफान बनकर, चाहे अलसित व्योम रो ले।
मैने अपने अश्रुकण को,पोंछकर मेने सुखाया।
जिन्दगी की हकीकत को,समझकर खुद को जगाया।

चाहे सम्मा बनके जलना,पड़ेगा तो जलूँगा में।
कांटे आयें चाहे पत्थर,बिना डरके चलूँगा में।

सहनता मेरी निशानी,बस यही मेरी कहानी।
हो मुकम्मल ख्वाव मेरे,क्यों सजे आँखों में पानी।

– सोमिल जैन ‘सोमू’

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नवकवि : सोमिल जैन ‘सोमू’

सोमिल जैन “सोमू’ जी का मानना है की अभी तक उन्होंने ऐसा कोई तीर नहीं मारा है जो वो आपको अपना परिचय दे सकें परंतु काव्यशाला नव कवि मंडली से जुड़ने की उत्सुकता ने उन्हें अपना परिचय लिखने पर विवश कर दिया। वह दलपतपुर, सागर मध्यप्रदेश के निवासी है द्वितीय वर्ष (कला) के विद्यार्थी हैं। उन्हें आजकल किताबों से प्रेम हो गया है और यही कारण है की उनकी रुचि लेखन में भी हो गयी है। वह कविता, गजल, नगमे और शायरी लिखने का शौक एवं जुनून रखते हैं। हम इसी जुनून को आप तक पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। हमें आशा है की आपको उनकी ये रचना पसंद आएगी।

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