नदी की गहराई में छुपी मिट्टी हुँ मैं जिस साँचे में डालो, ढल जाती हुँ मैं….. आँशुयो की बेमौसम बरसात हुँ मैं दिल का दर्द सहने में पत्थर हुँ मैं…..
Category: प्रिया आर्य
इनका नाम प्रिया आर्य है परंतु उनका मानना है की कवितायें दीवानेपन में लिखी जाती हैं इसीलिए वह प्रिया दीवानी के नाम से लिखना पसंद करती हैं। वह यह भी कहती हैं की वह सिर्फ़ अहसासों को कागज पर उतारती हैं और स्वतः उनका उनका कोई योगदान नहीं होता । हमें आशा है की आपको उनकी यह अनोखी सोच पसंद आएगी ।
इरेज़र – प्रिया आर्य “दीवानी’
चीजो की कीमत नहीं होती वक़्त उनकी कीमत तय करता है। गमो का खजाना है ,मेरे पास देखे कितने दाम में अब ये बिकता है। इस दौर में ख़रीदलो तुम मुझको भी पर जो है ही नहीं , देखें हम भी कैसे बिकता है।
चीज़ों की क़ीमत – प्रिया आर्य “दीवानी’
चीजो की कीमत नहीं होती वक़्त उनकी कीमत तय करता है। गमो का खजाना है ,मेरे पास देखे कितने दाम में अब ये बिकता है। इस दौर में ख़रीदलो तुम मुझको भी पर जो है ही नहीं , देखें हम भी कैसे बिकता है।