क्षमा याचना – अटल बिहारी वाजपेयी

क्षमा करो बापू! तुम हमको, बचन भंग के हम अपराधी, राजघाट को किया अपावन, मंज़िल भूले, यात्रा आधी।

झुक नहीं सकते – अटल बिहारी वाजपेयी

टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते सत्य का संघर्ष सत्ता से न्याय लड़ता निरंकुशता से अंधेरे ने दी चुनौती है किरण अंतिम अस्त होती है

भारत जमीन का टुकड़ा नहीं – अटल बिहारी वाजपेयी

भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष है। हिमालय मस्तक है, कश्मीर किरीट है, पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं।

क़दम मिला कर चलना होगा – अटल बिहारी वाजपेयी

सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ, निज हाथों में हँसते-हँसते, आग लगाकर जलना होगा। क़दम मिलाकर चलना होगा।

पंद्रह अगस्त की पुकार – अटल बिहारी वाजपेयी

आज़ादी अभी अधूरी है। सपने सच होने बाकी है, रावी की शपथ न पूरी है।।