आओ फिर से दिया जलाएँ भरी दुपहरी में अंधियारा सूरज परछाई से हारा अंतरतम का नेह निचोड़ें- बुझी हुई बाती सुलगाएँ। आओ फिर से दिया जलाएँ
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दुनिया का इतिहास पूछता – अटल बिहारी वाजपेयी
दुनिया का इतिहास पूछता, रोम कहाँ, यूनान कहाँ? घर-घर में शुभ अग्नि जलाता। वह उन्नत ईरान कहाँ है? दीप बुझे पश्चिमी गगन के, व्याप्त हुआ बर्बर अंधियारा, किन्तु चीर कर तम की छाती,
मैं अखिल विश्व का गुरू महान – अटल बिहारी वाजपेयी
मैं अखिल विश्व का गुरू महान, देता विद्या का अमर दान, मैंने दिखलाया मुक्ति मार्ग मैंने सिखलाया ब्रह्म ज्ञान। मेरे वेदों का ज्ञान अमर, मेरे वेदों की ज्योति प्रखर
जो बरसों तक सड़े जेल में – अटल बिहारी वाजपेयी
जो बरसों तक सड़े जेल में, उनकी याद करें। जो फाँसी पर चढ़े खेल में, उनकी याद करें। याद करें काला पानी को, अंग्रेजों की मनमानी को, कोल्हू में जुट तेल पेरते, सावरकर से बलिदानी को। याद करें बहरे शासन को,
राह कौन सी जाऊँ मैं ? – अटल बिहारी वाजपेयी
चौराहे पर लुटता चीर प्यादे से पिट गया वजीर चलूँ आखिरी चाल कि बाजी छोड़ विरक्ति सजाऊँ? राह कौन सी जाऊँ मैं? सपना जन्मा और मर गया मधु ऋतु में ही बाग झर गया तिनके टूटे हुये बटोरूँ या नवसृष्टि सजाऊँ मैं? राह कौन सी जाऊँ मैं?
दो अनुभूतियाँ – अटल बिहारी वाजपेयी
गीत नहीं गाता हूँ बेनक़ाब चेहरे हैं, दाग़ बड़े गहरे हैं टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूँ गीत नहीं गाता हूँ लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर
हिरोशिमा की पीड़ा – अटल बिहारी वाजपेयी
किसी रात को मेरी नींद चानक उचट जाती है आँख खुल जाती है मैं सोचने लगता हूँ कि जिन वैज्ञानिकों ने अणु अस्त्रों का आविष्कार किया था वे हिरोशिमा-नागासाकी के भीषण
ऊँचाई – अटल बिहारी वाजपेयी
ऊँचे पहाड़ पर, पेड़ नहीं लगते, पौधे नहीं उगते, न घास ही जमती है। जमती है सिर्फ बर्फ, जो, कफ़न की तरह सफ़ेद और, मौत की तरह ठंडी होती है। खेलती, खिलखिलाती नदी, जिसका रूप धारण कर, अपने भाग्य पर बूंद-बूंद रोती है।
क्या खोया, क्या पाया – अटल बिहारी वाजपेयी
क्या खोया, क्या पाया जग में मिलते और बिछुड़ते मग में मुझे किसी से नहीं शिकायत यद्यपि छला गया पग-पग में एक दृष्टि बीती पर डालें, यादों की पोटली टटोलें!
आओ फिर से दिया जलाएँ – अटल बिहारी वाजपेयी
आओ फिर से दिया जलाएँ भरी दुपहरी में अंधियारा सूरज परछाई से हारा अंतरतम का नेह निचोड़ें- बुझी हुई बाती सुलगाएँ। आओ फिर से दिया जलाएँ