फिर बसंत आना है – कुमार विश्वास

तूफ़ानी लहरें हों
अम्बर के पहरे हों
पुरवा के दामन पर दाग़ बहुत गहरे हों
सागर के माँझी मत मन को तू हारना
जीवन के क्रम में जो खोया है, पाना है
पतझर का मतलब है फिर बसंत आना है

राजवंश रूठे तो
राजमुकुट टूटे तो
सीतापति-राघव से राजमहल छूटे तो
आशा मत हार, पार सागर के एक बार
पत्थर में प्राण फूँक, सेतु फिर बनाना है
पतझर का मतलब है फिर बसंत आना है

घर भर चाहे छोड़े
सूरज भी मुँह मोड़े
विदुर रहे मौन, छिने राज्य, स्वर्णरथ, घोड़े
माँ का बस प्यार, सार गीता का साथ रहे
पंचतत्व सौ पर है भारी, बतलाना है
जीवन का राजसूय यज्ञ फिर कराना है
पतझर का मतलब है, फिर बसंत आना है

                                          – कुमार विश्वास

कुमार विश्वास जी की अन्य प्रसिध रचनाएँ

  • उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • कुछ छोटे सपनो के बदले
  • खुद को आसान कर रही हो ना (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • जब भी मुँह ढक लेता हूँ (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • जाने कौन नगर ठहरेंगे (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • जिसकी धुन पर दुनिया नाचे (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • तुम्हारा फ़ोन आया है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • तुम्हारी छत पे निगरानी बहुत है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • दुःखी मत हो (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • देवदास मत होना (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • नेह के सन्दर्भ बौने हो गए (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • पवन ने कहा (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • प्यार जब जिस्म की चीखों में दफ़न हो जाये (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • प्रीतो! (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • फिर बसंत आना है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • बाँसुरी चली आओ (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • बात करनी है, बात कौन करे (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • महफ़िल महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • माँ (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • मेरे सपनों के भाग में (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • मैं तुम्हें ढूंढने स्वर्ग के द्वार तक (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • मैं तो झोंका हूँ (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • मौसम के गाँव (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • ये इतने लोग कहाँ जाते हैं सुबह-सुबह (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • रंग दुनिया ने दिखाया है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • रूह जिस्म का ठौर ठिकाना चलता रहता है (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • विदा लाडो (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • सफ़ाई मत देना (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • साल मुबारक (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • हार गया तन-मन पुकार कर तुम्हें (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • हो काल गति से परे चिरंतन (शीघ्र प्रकाशित होगी)
  • होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो (शीघ्र प्रकाशित होगी)

हिंदी ई-बुक्स (Hindi eBooks)static_728x90

 

Advertisement

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s