एक बरस बीत गया – अटल बिहारी वाजपेयी

एक बरस बीत गया

झुलासाता जेठ मास
शरद चांदनी उदास
सिसकी भरते सावन का
अंतर्घट रीत गया
एक बरस बीत गया

सीकचों मे सिमटा जग
किंतु विकल प्राण विहग
धरती से अम्बर तक
गूंज मुक्ति गीत गया
एक बरस बीत गया

पथ निहारते नयन
गिनते दिन पल छिन
लौट कभी आएगा
मन का जो मीत गया
एक बरस बीत गया

अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी जी की अन्य प्रसिध रचनाएँ 

हिंदी ई-बुक्स (Hindi eBooks)static_728x90

Advertisement

11 thoughts on “एक बरस बीत गया – अटल बिहारी वाजपेयी

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s